STORYMIRROR

Ramanpreet -

Romance

5.0  

Ramanpreet -

Romance

अजनबी

अजनबी

1 min
271


वो अजनबी था मगर 

अपना सा लगा

वो दिल को यूँ छू गया

की दिल हमसे पराया हो गया


हम बस निहारते रह गये

और वो अदृश्य हो गया

चाहा था पुकारना उसे मगर

वो "बेनाम" चुपके से खो गया


शायद चंद पलों का साथ पूरा हो गया

पर दिल में एक एहसास अधूरा रह गया


 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance