अजनबी
अजनबी
एक मुलाकात जो अजनबी थी,
कुछ अपनी सी हो गई।
उनसे हुई जो मुलाकात,
ज़िन्दगी रूहानी सी हो गई।
आपको देखा तो दिल में,
एक कली सी खिल गई।
आपकी मुस्कान से तो,
महकी सी ज़िन्दगी हुई।
कुछ बातें जो अनकही थी,
कुछ कुछ कही सी हो गई।
उनसे हुई जो मुलाकात,
ज़िन्दगी रूहानी सी हो गई।
यूँ तो अकेले जीते थे लेकिन,
यादें वो परेशान कर गई।
हर पल देखूं जिधर भी,
वो ही नज़र आती गई।
नित नए सपनें दिन में देखूं,
रातें गुलज़ार हो गई।
उनसे हुई जो मुलाकात,
ज़िन्दगी रूहानी सी हो गई।