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ऐसा क्यूं करते हो

ऐसा क्यूं करते हो

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मैं जानती हूं तुम मुझे पढ़ते हो,

मुझसे छुपकर मुझे ढूढ़ते हो,

बताओ न ! ऐसा क्यूं करते हो।


बीते दो पल की खुशियां साथ,

फिर यादों का घरौंदा सजाते हो,

बताओं न ! ऐसा क्यूं करते हो

मुझे मुझसे ज्यादा समझते हो,


तकलीफों से दूर रखना चाहते,

बताओ न ! ऐसा क्यूं करते हो।


इतनी अहमियत नहीं मेरी,

हमेशा नजरअंदाज करते हो,

बताओ न ! ऐसा क्यूं करते हो।


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