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Sourabh Nema

Drama Inspirational

5.0  

Sourabh Nema

Drama Inspirational

ऐ ज़िन्दगी

ऐ ज़िन्दगी

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अभी इतिहास में लिखनी,

किताब बाक़ी है,

ऐ ज़िन्दगी अभी तेरा,

हिसाब बाक़ी है !


एक-एक ईंट,

जोड़ी है ताउम्र,

बस उन ईंट से,

अब घर बनाना बाक़ी है !


ऐ ज़िन्दगी तेरा,

हिसाब बाक़ी है !


मझधार में बह रही,

है नाव हमारी,

अभी बहती हुई शाख से,

पतवार बनाना बाक़ी है !


ऐ ज़िन्दगी तेरा,

हिसाब बाक़ी है !


मोती समझ के रखा था,

कुछ ओस की बूंदो को,

आके देखो ज़रा,

अब कहाँ कुछ बाक़ी है !


ऐ ज़िन्दगी अभी तेरा,

हिसाब बाक़ी है !


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