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Jai Prakash Pandey

Tragedy

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Jai Prakash Pandey

Tragedy

ऐ कैसा सफर

ऐ कैसा सफर

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राह चलते अक्सर वह मिला 

पेट पीठ से मिला के मिला 

उसकी बंडी में छेद मिला 

चिलचिलाती धूप में मिला 

भूख में हड़बड़ाया वो मिला 

उधारी से वो सरोबार मिला 

दवाई को तड़फता मिला 

पसीने की गंध लिए मिला 

ठेकेदार से मार खाता मिला 

उधर नूनरोटी लिए मिला 

दर्द को गले लगाता मिला 

वोट डालते हुए डरते मिला 

अनजान सफर में वो मिला 



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