अहसास
अहसास
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घटाएं जब बरसती है,
तेरी तस्वीर ही झलकती है।
पवन जब जुल्फें लहराती है
तुझसे ही हूबहू मिल जIती है।
यादों में जब तुम आती हो,
अपना सा अहसास कराती हो।
सावन में आकर तुम रोज ही,
मल्हार राग छेड़ जाती हो।