अगले जनम मोहे बिटिया कीजो
अगले जनम मोहे बिटिया कीजो
जब भी कोई लड़का,
जन्म लेता है तो-
आँगन की चिड़ियों का,
कलेजा कांप उठता है,
तितलियाँ दहशतजदां हो जाती हैं,
चिड्डों को घर छोड़ने पर,
मजबूर होना पड़ता है।
क्योंकि कल यही बच्चा,
हाथों में गुलेल लिए-
चिड़ियों का शिकार करेगा,
घोसलों के अंडे बर्बाद करेगा,
तितलियों पर शामत आ जाएगी,
चिड्डों को डोर से बाँध उड़ाएगा,
चीटियों को पैरों तले रौंदेगा।
मेंढक के पैर में पटाखा बाँध छोड़ेगा,
छिपकली की पूँछ को काट हँसेगा,
बैलों और गायों पर छड़ी बरसाएगा,
बकरी के मेमनों की टांग खींचेगा,
कुतिया के पिल्लों को रुलाएगा,
क्योंकि इन सब में मुन्ना को,
बहुत मजा आता है।
लेकिन जब बिटिया,
जन्म लेती है तो-
चिड़िया उम्मीद-सी हो जाती है,
तितलियाँ घरों के आसपास,
मंडराना शुरू कर देतीं हैं,
क्योंकि यह मुन्ना से छिपाएगी अण्डों को,
तितलियों पर जुल्म नहीं होने देगी।
बकरी के मेमनों की चीत्कार,
सुन आँख भार आएगी इसकी,
गाय को अपने हिस्से की रोटी देगी,
कुतिया के पिल्लों को दूध पिलाएगी,
चीटियों को शकर के दाने डालेगी।
इन सब के बदले मुन्ना की मार सहेगी,
माँ की गालियाँ सुनेगी,
औ़र अगले दिन फिर,
अपने काम पर लग जाएगी,
प्यार और ममता के,
असीम खजाने को लुटाने।