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Tahir Ali

Romance

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Tahir Ali

Romance

अनाम चाहत

अनाम चाहत

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हालाँकि मैं और तुम कभी मिले नहीं

हमें एकदूसरे की मुकम्मल समझ नहीं।


मगर फिर भी यह अहसास है

कि एक बहुत बहुत मजबूत डोर,


बांधें हुए हैं हमें एक अनाम रिश्ते के साथ

ये दो और उसका बंधन इतना मजबूत है,


कि हम हमेशा इतने ही करीब रहेंगे

कि जितने डोर आपस में गुंथे हुए रेशे,


कि जितना कूंची के साथ सटा हुआ ताला।


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