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Dhirendra Panchal

Romance

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Dhirendra Panchal

Romance

अच्छी बात नहीं

अच्छी बात नहीं

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दिल से दिल के तार छुड़ाना अच्छी बात नहीं ।
सूरज पर प्रतिबन्ध लगाना अच्छी बात नहीं ।

तुमने चंचल राग सुनाया पर मेरी भी बात सुनो ,
व्याकुल मन की पीड़ा गाना अच्छी बात नहीं ।

रेत के टीले लग जाते हैं नदियों के तटबंधों पर ,
उनको आवारा कह जाना अच्छी बात नहीं ।

सबके अपने जख्म यहाँ हैं सबकी अपनी यादें ,
हर मरहम हो घाव दिखाना अच्छी बात नहीं ।

नदियाँ झरने झील समंदर सबके आदी हो जाना ,
मयखाने में आना जाना अच्छी बात नहीं ।

यौवन की मादकता कह लो या दिल का दीवानापन ,
इतना भी मन को समझाना अच्छी बात नहीं ।

~ धीरेन्द्र पांचाल


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