अब न कोई राजा है !
अब न कोई राजा है !
अब न कोई राजा है ...न कोई रंक है !
अब बस लोकतंत्र है ......
अब न कोई निरंकुश ...न कोई निर्बल है !
अब बस प्रजातंत्र है .....
अब न कोई तानाशाह ...न कोई ग़ुलाम है !
अब बस जनता का महामंत्र है ....
क्योंकि अब सब स्वतंत्र है...
अब न कोई राजतंत्र है ...
क्योंकि अब लोकतंत्र का मंत्र है !