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Sarvesh Saxena

Drama

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Sarvesh Saxena

Drama

अब और नहीं

अब और नहीं

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बस अब और नहीं

हर बार, बार बार

यही तो कहता हूँ मै खुद से


क्यूँ हर बार फिर

पहले जैसा हो जाता हूँ

सारे भेद भाव भूलकर

सीधा सरल हो जाता हूँ


चलो अब मैं भी

प्रैक्टिकल बन जाऊं

सारे रिश्ते नाते तोड़ के

मशीन हो जाऊं


तुम बदल गए हो,

फिर मत कहना

पत्थरों के बीच

अब नहीं रहना


बहुत हो चुका

बहुत रो चुका

बस अब और नहीं।


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