आवारा हूँ मैं...!
आवारा हूँ मैं...!
आवारा हूँ मैं
एक टूटा हुआ
तारा हूँ मैं
बिखरा हूँ
पर खुद का सहारा हूँ मैं !
इश्क़ के दरिया का,
किनारा हूँ मैं
सच कहूँ तो,
एक आवारा हूँ मैं !
बंजर जमीं के लिये,
बारिश का फुहारा हूँ मैं
उसके देर होने का,
वक़्त सारा हूँ मैं !
चढ़ती हुई जवानी का,
मदहोश नजारा हूँ मैं
दिल से कहूँ तो,
एक नंबर का नकारा हूँ मैं !
आवारा हूँ मैं....!

