आत्मविश्वास जगाओ
आत्मविश्वास जगाओ
नारी तुम अपने स्व की बलि देकर
अपने परमेश्वर को खोजती रही,
और तुम्हें झेलना पड़ा पतन
अब अपना आत्मविश्वास जगाओ।
स्वाभिमान में उद्दीप्त होकर उठो
अपने भीतर ही परमेश्वर प्राप्त करो,
समस्त दबावों में अडिग बनी रहो
ज्ञान की अदम्य प्यास जगाओ।
क्यों भारत में हमारी बहिनें
अपने पतियों की जुराबें मरम्मत करती रहें,
क्यों अपना समय वे
व्यर्थ की गपशप में नष्ट करती रहें ?
सामाजिक दृष्टि से सताई गई
राजनीतिक दृष्टि से उपेक्षित ,
महिला वर्ग को दिशा बोध मिले
और कोई सार्थक प्रयोजन मिले।
नेतृत्व सँभालने के लिये नारियां
अग्नि पिंड की भांति सामने आयें
अपनी प्रबुद्ध भूमिका का निर्माण करें
और अजेय प्रेरणा स्रोत बनें।