बना तो लिए बर्तन सोने चाँदी के भी कारीगर ने, के अमीरी में गरीबी की थाली यूँही खाली बना तो लिए बर्तन सोने चाँदी के भी कारीगर ने, के अमीरी में गरीबी की थाली यूँही...
ताक रहे हैं अंजान राहों को के कर जाए कोई मखमली मरम्मत ताक रहे हैं अंजान राहों को के कर जाए कोई मखमली मरम्मत
फिर एक रोशनदान बना डाले तू भी झांके मैं भी झांकूँ फिर एक रोशनदान बना डाले तू भी झांके मैं भी झांकूँ
मैं बच्चों के आसपास पनपने वाली बेल हूँ, कभी सख्त, कभी नरम, मैं बच्चों के आसपास पनपने वाली बेल हूँ, कभी सख्त, कभी नरम,
इस नए जमाने में भी, मैं खत लिखना पसंद करती हूँ इस नए जमाने में भी, मैं खत लिखना पसंद करती हूँ
हर रोज नए उद्घोष से आंखें खुलती थी। सच्चाई का ही तो सादगी भरा साथ था । हर रोज नए उद्घोष से आंखें खुलती थी। सच्चाई का ही तो सादगी भरा साथ था ।