ममता
ममता
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मैं एक माँ हूँ ।
मत पूछो मुझे ममता के बारे में,
मैं पूरा समां हूँ
मैं एक माँ हूँ ।
मेरे बच्चे ही मेरी पूरी दुनिया
मैं उनसे ही,
वहीं मेरे धारक
मैं उनकी आधार शीला।
मेरी ममता ही उनका
ममत्व,
त्रुटि हो कोई भी
तो करूँ मैं उनकी
मरम्मत।
मैं बच्चों के आसपास
पनपने वाली
बेल हूँ,
कभी सख्त,
कभी नरम,
नव्य नवेली,
नागर बेल हूँ ।
ममता मेरी बनती
है दुआ ,
हर विघ्न रहता
है अनछुआ।
माँ हूँ मैं,
ना करो मेरा आंकलन,
मेरा समग्र जीवन
ही मेरा संकलन।
मेरे बच्चों की
मैं ही रमा,
मैं ही व्योम,
मैं ही उनका
जीवन बीमा।
मेरे बच्चे ही
मेरी जमा पूंजी,
मेरे बच्चों को
घणी-घणी खम्मा।