आत्मनिर्भर भारत
आत्मनिर्भर भारत
यहां सबकी रीतियां और अलग हैं वेश,
अब आत्मनिर्भर है अपना भी देश,
स्वयं की सेना है जो है जल, वायु और थल,
जो दुश्मनों को कर देती है निर्बल,
स्वयं का उत्पादन है जिससे होता विकास,
धीरे धीरे अंधेरे गांवों में भी हो रहा है प्रकाश,
अब दुनिया में अलग ही चमकता हमारा भारत,
आज़ादी के बाद जैसे रची है इसने एक नई इबारत,
हमारा देश जो नहीं है अब जर्जर,
अब है हमारा भारत आत्मनिर्भर।
