आश्वासन ( एक आस )
आश्वासन ( एक आस )
तू सब्र कर ऐ परिंदे,
ये बौछार भी थम जायेगी,
तू चलता चल,
ये धूप खुद छट जायेगी,
तिनका तिनका तुम बटोर लो,
एक दिन आशियाना बन जायेगा,
तू आस को मुट्ठी में बंद कर ले,
ये जीवन आसान हो जायेगा,
मायूसी की कमीज़ पर मुसकुराहट के बटन तू टाँक ले,
लिबास तेरा खुद निखर जाएगा,
टूट भी जाए अगर तू पर टुकड़ा टुकड़ा उठाना,
उन टुकड़ों से यूं ही एक नया किरदार बन जाएगा,
तू क्या है तू बस अपने पन्ने पर लिख,
वो पन्ना एक रोज़ इश्तिहार बन जायेगा,
तूने देखी है रातों की कालिख,
सुनहरा सवेरा भी आयेगा,
डट कर चलता चल,
तेरा ठिकाना भी आयेगा,
जब गीत कोई ना सुनाई दे,
एक राग तू अपना बुन लेना,
जब आंखों में नमी छाए,
तुम अपनी आंखों को संवारना,
पीठ को थप थापा कर,
आश्वासन के इंजन से जीवन की रेल को आगे बढ़ाना।