Sunita Katyal
Classics
भारतीय संस्कृति के अनुसार
मनुष्य जीवन के आश्रम चार
ब्रह्मचर्य,गृहस्थ
वानप्रस्थ और संन्यास।
जीवन की परेशा...
हवा के साथ बह...
किसी से नहीं ...
हमें क्या
रात ये कह कर ...
जीवन की परिस्...
किस से कहूं
भ्रमित ना हो
लॉक डॉउन और ह...
अकेलापन और लॉ...
भगवान् कृष्ण ने जल में उनको दर्शन कराये अपने दिव्य स्वरुप के। भगवान् कृष्ण ने जल में उनको दर्शन कराये अपने दिव्य स्वरुप के।
भगवान की भक्ति तो बड़ी दुर्लभ है सिद्ध एवं मुक्त पुरुषों में भी। भगवान की भक्ति तो बड़ी दुर्लभ है सिद्ध एवं मुक्त पुरुषों में भी।
श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित भगवान कृष्ण बैठे हुए थे। श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित भगवान कृष्ण बैठे हुए थे।
श्री कृष्ण का चिंतन करती रहें वाणी से लीलाओं का गान करें। श्री कृष्ण का चिंतन करती रहें वाणी से लीलाओं का गान करें।
श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित उद्धव जी एक उत्तम पुरुष थे . श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित उद्धव जी एक उत्तम पुरुष थे .
वही द्रोण नन्द हुए और धरा जन्मीं यशोदा के रूप में। वही द्रोण नन्द हुए और धरा जन्मीं यशोदा के रूप में।
श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित देखा भगवान ने कि माता पिता को। श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित देखा भगवान ने कि माता पिता को।
भगवान कृष्ण कहें, हे उद्धव सांख्य शास्त्र सुनाऊँगा अब तुम्हें। भगवान कृष्ण कहें, हे उद्धव सांख्य शास्त्र सुनाऊँगा अब तुम्हें।
पति से प्रेम करने बाली स्त्रियों की शक्ति अपार होती है। पति से प्रेम करने बाली स्त्रियों की शक्ति अपार होती है।
ले सैनिकों को संग देवव्रत हुआ भीड़ मौन थी कालिंदी और मौन थे दोनों तीर। ले सैनिकों को संग देवव्रत हुआ भीड़ मौन थी कालिंदी और मौन थे दोनों तीर।
भगवान कृष्ण ने कहा, उद्धव जो कुछ कहा तुमने मुझसे मैं वही करना चाहता हूँ। भगवान कृष्ण ने कहा, उद्धव जो कुछ कहा तुमने मुझसे मैं वही करना चाहता हूँ।
कुरुक्षेत्र में दिव्यदृष्टि से, झाँक-झाँक तत्काल । कुरुक्षेत्र में दिव्यदृष्टि से, झाँक-झाँक तत्काल ।
श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित भोमासुर ने छीन लिया था. श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित भोमासुर ने छीन लिया था.
देखा गया है कि वो प्रायः ही धनी, भोगसंपन्न ही होते! देखा गया है कि वो प्रायः ही धनी, भोगसंपन्न ही होते!
मनुष्य को मृत्यु और अपयश आदि प्राप्त हैं होते। मनुष्य को मृत्यु और अपयश आदि प्राप्त हैं होते।
किया हर युग में, कितना अपमानित, कितने दुर्बल हो, हुआ यह प्रमाणित। किया हर युग में, कितना अपमानित, कितने दुर्बल हो, हुआ यह प्रमाणित।
जिस के पालन से सत्वगुण की वृद्धि हो सबसे श्रेष्ठ है धर्म वही। जिस के पालन से सत्वगुण की वृद्धि हो सबसे श्रेष्ठ है धर्म वही।
गीता ज्ञान अगाध है ,गीता जीवन रीत। ईश जीव सम्बन्ध है ,गीता जीवन गीत। गीता ज्ञान अगाध है ,गीता जीवन रीत। ईश जीव सम्बन्ध है ,गीता जीवन गीत।
श्री शुकदेव जी कहते हैं, परीक्षित अक्रूर जी रथ पर सवार हुए। श्री शुकदेव जी कहते हैं, परीक्षित अक्रूर जी रथ पर सवार हुए।
भगवान कार्य और क़र्म से परे तीनों गुण उनमें हैं ही नहीं सत्व, रज और तम ये । भगवान कार्य और क़र्म से परे तीनों गुण उनमें हैं ही नहीं सत्व, रज और तम ये ...