आपात काल
आपात काल
सन सैंतालीस को भारत आजाद हुआ
टूट गयी गुलामी की जंजीरे जन जन में
ख़ुशियों का संचार हुआ।।
कबाइलियों का दुःसाहस कश्मीर
शिरमौर्य भारत पर नोवा खाली का
कत्लेआम आजादी की खुशियां
धर्म द्वेष के भेंट चढ़ा।।
धर्म नाम पर बंट गया भारत, भारत
हुआ अतीत धर्म आधारित हिंदुस्तान
पाकिस्तान भारत के दो भाग अपना
हिंदुस्तान हुआ।।
भारत पंथ निरपेक्ष ,धर्म निरपेक्ष
छद्म कुटिलता अदूरदर्शिता के
भंवर जाल का पुनः शिकार हुआ।।
पलने लगे आस्तीन के सांप डसने लगें
पुनः राष्ट्र को आजादी की कुर्बानी
रक्त भाव षड्यंत्र गद्दारों का शिकार हुआ।।
हिंदुस्तान की आजादी शौम्य जनता की खुशहाली साम्य संस्कृति के छिपे
वार से धीरे धीरे होता तार तार पुनः
गुलाम मानसिकता का शिकार हुआ।।
जून पच्चीस सन पचहत्तर की काली
रात हिंदुस्तान फिर अपनी
आकांक्षाओं के भ्रम के जाल में फंस पुनः गुलाम हुआ।।
मीडिया, प्रेस सेंसर की हद में जन नेता
कारागार जबरन हठ नसबंदी जोर
जबरदस्ती तानाशाही की सीमा टूटी
हद पार हुआ।।
एक बार नहीं जब तक अवनि
आकाश रहेंगे युग समय काल चलेंगे
स्वतंत्र राष्ट्र हिंदुस्तान में इमरजेंसी
काला अध्याय हुआ।।
जाएंगे इतिहास लिखे इमरजेंसी की
बर्बरता और गुलामी आने वाली नस्लों
का संकल्प प्रतिक्रिया प्रतिकार हुआ।।
आफत नहीं कोई राष्ट्र पर फिर भी
आपात अब तक है विषय शोध का
आफत क्या थी आया आपात लोक
तंत्र की मर्यादा टूटी हिंदुस्तान शर्मसार
हुआ।।