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Dayasagar Dharua

Inspirational

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Dayasagar Dharua

Inspirational

आप चाँद के सूरज हैं

आप चाँद के सूरज हैं

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हर तपस्वी के तपस्या का

एक अंत होता होगा

पर इस तपस्वी का नहीं

हर नदी के धार कहीं पे

थम जाते होंगे

पर इस नदी का नहीं


मोहन राकेश जी का

हर आषाढ़ एक कालीदास तक ही

सीमित क्यों न रहे

हर श्रावण

कलमों से आपकी झरती रहे


झरनें और नदियों में

आपकी चिंताएँ युँ बहती रहे

सारे तटों के रेतों को भीगोती रहे

रेतों पे रंगोलीयाँ बनाती रहे

उन रंगों की कहानी कहती रहे


कहानीयों के नायक चुनती रहे

नायकों के गीत गाती रहे

गानों मे लय भरती रहे

लयों मे साँसे झुमती रहे

साँसों मे जीवीत हृदय रहे


हर हृदयों मे मानवता रहे

हर मानव मे संस्कार रहे

हर संस्कृती मे कलाकार रहे

हर कलाकार के गुरु आप रहे

मैं और मुझ जैसे कई और

आपसे प्रेरणा लेते रहे


आप वो सूरज है

जिसके हिस्से में रात नही

सिर्फ उजाला है

मैं जानता हुॅं

जैसे आज मैं जगमगाता

आप की रोशनी से

वैसे ही

कहीं पे कोई चाँद

आपसे प्रेरणा ले कर

जगमगा रहा होगा


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