नविन पिढीपुढे संस्काराचा आदर्श ठेवतो नविन पिढीपुढे संस्काराचा आदर्श ठेवतो
जो अपनों के साथ मजबूती से खड़ा रहे, वही होता है परिवार। जो अपनों के साथ मजबूती से खड़ा रहे, वही होता है परिवार।
मेरे गुरू नाटककार ड. केश रंजन प्रधान जी के लिये समर्पित यह कविता । मेरे गुरू नाटककार ड. केश रंजन प्रधान जी के लिये समर्पित यह कविता ।
भारतमाता तेरा स्वर्णिम इतिहास देता हमे गौरवानुभव का अहसास तेरी गोद से अनेक वीरों ने जन्म है लिया ... भारतमाता तेरा स्वर्णिम इतिहास देता हमे गौरवानुभव का अहसास तेरी गोद से अनेक वीर...