भारतमाता
भारतमाता
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भारतमाता तेरा स्वर्णिम इतिहास
देता हमे गौरवानुभव का अहसास
तेरी गोद से अनेक वीरों ने जन्म है लिया
प्राणों का दे बलिदान नाम तेरा ऊँचा किया
विद्वानों की तू पृष्ठभूमि
कृषि से होता तेरा श्रृंगार
जाती है तुझमें
बोली और भाषाएँ अपार
प्रकृति तेरी चुनरधानी
सूर्य, चंद्र तेरा अलंकार
हिमालय करता मस्तक तिलक माँ
तो पवित्र सरिता देती चरणों को पखार
तरह तरह की संस्कृती तुझमें
जो है विविधता लिए एकता का सार
अखंड भारत है तू
चाहे धर्म की कितनी भी लंबी हो कतार
कश्मीर तेरी अटूट शृंखला
तोड़ इसे न कोई पाएगा
कश्मीर तेरी अटूट शृंखला
तोड़ इसे न कोई पायेगा
इस स्वर्ग भूमि पर बस
तिरंगा ही लहराएगा
तिरंगा ही लहराएगा।
