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Rajiv Jiya Kumar

Romance

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Rajiv Jiya Kumar

Romance

आओ रूमानी हो लें

आओ रूमानी हो लें

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आंखे तेरी

सजती हैं ऐसे

कह देंंगी जैसे

बातें सारी

आओ न आओ न

हो लें हम

थोङा रूमानी।।

धङकनों में बस जाओ

अपने गम देकर हमे

गुल सा सनम

तुम खिल जाओ,

जख्मों से भरा जहां 

तुमसे हैै करार यहाँ 

न करो अब नादानी

आओ न आओ न

हो लें हम

थोङा रूमानी।।

लङखङाते क्यूँ है कदम

बाहों मेें आओ

लो दम,

चलो न नजर को फेरे

कसम लो

हम हैं तेरे

रहने दो अब मनमानी

आओ न आओ न

हो लें हम 

थोङा रूमानी।।

         


  


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