आओ रूमानी हो लें
आओ रूमानी हो लें
आंखे तेरी
सजती हैं ऐसे
कह देंंगी जैसे
बातें सारी
आओ न आओ न
हो लें हम
थोङा रूमानी।।
धङकनों में बस जाओ
अपने गम देकर हमे
गुल सा सनम
तुम खिल जाओ,
जख्मों से भरा जहां
तुमसे हैै करार यहाँ
न करो अब नादानी
आओ न आओ न
हो लें हम
थोङा रूमानी।।
लङखङाते क्यूँ है कदम
बाहों मेें आओ
लो दम,
चलो न नजर को फेरे
कसम लो
हम हैं तेरे
रहने दो अब मनमानी
आओ न आओ न
हो लें हम
थोङा रूमानी।।

