आओ मिलकर हम नववर्ष मनायें
आओ मिलकर हम नववर्ष मनायें
भक्त मैया से गुहार कर रहे है——
आओ मिलकर हम नववर्ष मनायें
मंदिर खुले तुम्हारे मैया
लेकिन कैसे आऊँ मैं
भक्त कहाने के चक्कर में
अपनी जान गँवाऊँ मैं
मंदिर खुले तुम्हारे मैयां
लेकिन कैसे आऊँ मैं
भक्त कहाने के चक्कर में
अपनी जान गँवाऊँ मैं
आओ मिलकर हम नववर्ष मनायें
भक्त कहते है—-
मास्क पहन कर आऊँ भी तो
कैसे तुम पहचानोगे
दया दृष्टि मैया तुम्हारी बोलो किस विधि पाऊँ मैं
मंदिर खुले तुम्हारे मैया
लेकिन कैसे आऊँ मैं
आओ मिलकर हम नववर्ष मनायें
मैया कहती हे——
खुलवा दिए है पट मंदिर के
तुम ज़िद ना करना आने की
ये घड़ी कठिन परीक्षा की
खुद बचकर औरों को बचाने की
है नज़र मेरी तो तुम सब पर
कितने भी मास्क लगाओ तुम
हे भाव की भूखी मैं तो सदा
चाहे ना अर्ध चढ़ाओ तुम
मंदिर खुले तुम्हारे मैयां
लेकिन कैसे आऊँ मैं
आओ मिलकर हम नववर्ष मनायें
बोलो कैसे आऊँ मैं