कोरोना की पैरोडी
कोरोना की पैरोडी
घर बाहर कोरोना है, घर में जिंदगानी है
तेरी मेरी नहीं ये तो,घर घर की कहानी है
कोरोना को आना है,वापस नहीं जाना है।
मेहमान आजीवन का,इसे हमको सताना है।
बचने के लिये हमको,अब मास्क लगानी है।
तेरी मेरी नहीं ये तो ,घर घर की कहानी है
जो दिल को तसल्ली दे,वेक्सीन लगवा आओ।
वेक्सीन लगवाकर के,जीवन तुम जी जाओ।
मास्क और वेक्सीन से ही अब उम्र बितानी है।
तेरी मेरी नहीं ये तो,घर घर की कहानी है
देखो,आवाज है रोने की ,कहीं पास से है आई।
कोरोना ने मार दिया कोई, अब लाश उठानी है।
तेरी मेरी नहीं ये तो,घर घर की कहानी है
घर बाहर कोरोना है,घर में जिंदगानी है।
तेरी मेरी नहीं,घर घर की कहानी है!