आँनलाइन प्यार
आँनलाइन प्यार
सुनो बहुत दूर से आया हूँ तुम्हारे पास,
इश्क नही करना तो वापसी का किराया ही पेटीम कर दो...
फेसबुक पर दिया था जो दिल मैंने तुम को व्हाटसप पे वापस कर दो...
गर इश्क करना नही था, तो चैटिंग क्यू बढ़ाई..
लाइक और कमेंट करके मेरी डी पी पर मुझमे उम्मीद क्यू जगाई...
क्या हुआ डी पी पर चेहरा किसी और का था।
कसमे वादे जो किये थे मैसेज में वो सब तो दिल से था...
तो क्या हुआ मेरा प्रोफाइल झूठा था, प्रेम मेरा सच्चा था,
पर आँनलाइन था इसलिये मेरा नसीबा ही फूटा था, मेरा नसीबा ही फूटा था..