अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ
देश की सेवा करने का अदभूद संकल्प ये आया है...
जागो ऊठो और दौड़ लगाओ, जन्मभूमि ने तुम्हे बुलाया है...
छोटी उम्र में भारत माँ की सेवा का प्रण लेना तुम...
दुश्मन की ईटो का जवाब फिर पत्थर से ही देना तुम...
नही किसी झाँसे में आओ, देश सेवा में पग तुम बढ़ाओ....
पुरूषोतम की धरती पर पुरूर्षाथ तुम्हे दिखलाना है...
लीलाधर की धरा पे, चक्र सुदर्शन तुम्हे ऊठाना है...
महावीर और बुद्ध की भूमि शांति का संदेश बनो...
अपने वतन की रक्षा खातिर कभी किसी से तुम ना डरो..
अग्निपथ पर तप कर जब तुम कुंदन बन जाओगे...
देश के बच्चो तुम ही कल फिर अग्निवीर कहाओ गे...