गोलगप्पा
गोलगप्पा
ये चाट है बड़ी निराली..देखो मुहँ मे आये पानी...
गली-गली या नुक्कड़ पर ये, मिल जाता है बड़ी आसानी....
पूड़ी कचौड़ी का रिश्तेदार है..पानी के संग खाते है...
खठ्ठा मीठा तीखा हो कैसा भी, सब इसको चट कर जाते है...
महिलाओ का बड़ा दुलारा, जान छिड़कती है इसपे...
चाहे कुछ भी खा ले फिर भी, अंत मे चखती है वो इसे...
अब तो यह पुरुषों को भी, अत्यत प्रिय सा लगने लगा...
कहीं भी देखो ठेले टपरी, पुरूषो का भी ताता लगा..
सदियो से इसके स्वाद से गूजें, मेरे देश का चप्पा चप्पा...
कोई कहे पानी पुरी, कोई कहे पुचका...
हम तो भाई यूपी वाले, इसको कहते "गोलगप्पा"।