आँखो का करिश्मा
आँखो का करिश्मा
आँखों मैं प्यार की देखी
लहरें,दिल मचल ही गया,
राधा जैसे कान्हा की यादों
मैं तरसी,दो प्यार करने वालें
देखते देखते बिछड गये,
हाय रे विधात्री,आप पथ्थर केसे बन गई,
गोकुल नगरी रोई,राधा काना
की चाहत में सूधबुध खो बैठी,
बाँसूरी की आवाज़,
सबके लिए आदत सी हो गई,लफ्ज़
आँसू बनकर बह गए।
श्याम श्याम तन मन बोल उठा,
राधे राधे।

