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Manoj Kumar

Tragedy Inspirational Others

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Manoj Kumar

Tragedy Inspirational Others

आंधी

आंधी

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चलती आंधी रुकती आंधी

जीवन में है यही कहानी

हरे पेड़ के पत्ते भी टूट कर उड़ जाते है

यही अजब कहानी


गम के हवा चलने पर उड़ जाते है

खुशियां के बगिया

इस पेड़ पर बैठे सुनहरे पंछी

ढूंढते हैं अपना वो रहिया


नहीं संचित कर पाते हैं, मंजिल की यादें

और भूल भी नहीं सकते, वो रास्ते

धुंध भरी आंधी चली बटोर ले गई

चारों तरफ धुआं ही धुआं है, दिखाई न पड़े रास्ते


सारे पत्ते उड़ गए एक ही झोंके में

सिर्फ़ सूखा ही पेड़ बचा है

वो रास्ते के मंजिल की खिड़कियां

सिर्फ़ हम और तुम बचे हैं।।



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