आख़री इच्छा..!
आख़री इच्छा..!
इश्क़ में ज़िंदगी लिख दूँ
या दर्द में मौत लिख दूँ,
तू जो चाहे तो तेरी याद में
एक-एक पल को बेख़ौफ़ लिख दूँ।
चाहत तो थी कि चाँद-तारे दे दूँ !
जुदाई में तेरी आख़री,आसमान दे दूँ !
पर जब कभी भी तू रोया करती,
बन बादल आँसू तेरे,अक्सर,
याद मुझको दिलाया करते।
हाँ इश्क़ में तेरे,ज़िंदगी जी ली।
और दर्द में तेरे,मौत भी जी ली।
अगर तू हाँ कहे तो,एक-एक साँस मेरी,
मरने से पहले तुझमें जी लूँ !