STORYMIRROR

Garima Mishra

Abstract

4  

Garima Mishra

Abstract

आखिरी मुलाकात

आखिरी मुलाकात

1 min
270

मिलूँगी तूझसे जिंदगी के उस मोड़ पर

जहाँ सांसें भी जाने वाली होगी साथ छोड़कर


तब भी तूं मुझे देखकर मुस्कुराना

फिर मुझे यूँ ही सीने से लगाना

मेरा हाथ थामकर वहीं कहीं बैठ जाना


जिस पल मेरा हाथ तेरे हाथ में होगा

वो सांस मेरे जीवन का आखिरी साँस होगा


मुकम्मल होगी वो मुलाकात

फिर कभी ना मिलने वाले वादे के साथ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract