आखिर कौन बड़ा
आखिर कौन बड़ा
ना कद बड़ा ना पद बड़ा ,
जो सदा परछाई के सामान साथ खड़ा वो सबसे बड़ा
ना मान बड़ा ना अभिमान बड़ा ,
सम्मान बढ़ा जाए जो वो सबसे बड़ा
ना दाम बड़ा ना नाम बड़ा ,
जो वक़्त पर किसी के काम आये वो सबसे बड़ा
ना धर्म बड़ा ना मजहब बड़ा,
जो परहित को माने सर्वोपरि वो सबसे बड़ा
ना चैन बड़ा ना आराम बड़ा ,
जो सुकून दे जाए कोई मन को वो सबसे बड़ा .
ना रूप बड़ा ना रंग बड़ा ,
जो नीयत और सीरत से हो साफ़ वो सबसे बड़ा .
ना रब बड़ा ना अल्लाह बड़ा ,
जो पार करा जाए मुसीबत से
वही मसीहा और वही सबसे बड़ा .