गहरे नाते(एक और एक ग्यारह)
गहरे नाते(एक और एक ग्यारह)
दुनिया में सब आए अकेले और अकेले ही जाते हैं
फिर भी देखो मानव के मानव से गहरे नाते हैं
एक कीट के मरने से ही दूजा जीवन पलता है
साथ किसी का देने से ही सुखमय जीवन चलता है
मन तृप्ति पा जाता है नव जीवन की श्रृंगारों में
श्रृंगारी मुक्ती पाता है जड़ चेतन के आधारों में
हम अपने व्यापारों को एक कोने में रख देते हैं
जो साथ हमारा देता है हम साथ उसी का देते हैं
जब एक विषयी व्यक्ति को जीवन ना जीना आता हो
पर किसी शुभेक्षु से उसका प्राणों से गहरा नाता हो
वह अपने वचनों से उसके जीवन को सरल कर देता है
तूफ़ानों और झंझावात में वह साथ उसी का देता है
कैसा भी विश कंटक हो वह खींच उसे ले जाता है
बदले में अपने बंधु को प्राण भेंट दे जाता है
ऐसे ही सबके जीवन में कुछ लोग सहारा होते हैं
यह सच है जो सब कहते हैं एक और एक ग्यारह होते हैं