एकता
एकता
बिखरे तो तोड़ दिए जाओगे
जुड़के रहे तो तुम एक गिने जाओगे
लड़ते रहोगे कब तलक यूँ ही
मन्दिर मस्जिदों के मुद्दों पर
कब तलक हिस्सों में बांटे जाओगे
कभी तुम भाषा की बात करते हो
कभी रंगों में भेद करते हो
कब तलक मज़हब को बाँटे जाओगे
षडयंत्र ये कहीं राजनेता का
परिणाम कहीं चुनावी दंगल का
कब तलक यूँ फुसलाये जाओगे
सुनो भारत अब समय नहीं बिखरने का
वक़्त है एक और एक ग्यारह होने का
कब तलक ख़ुद को यूं बहलाओगे
जुड़के रहे तो तुम एक गिने जाओगे।