आजादी का अमृत महोत्सव
आजादी का अमृत महोत्सव
आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे
यह कितने गर्व की बात है।
शहीद-ए-आजम को आतंकवादी बता रहे
सुभाष चंद्र शेखर किसी को न याद हैं,
न विरासत गांधी की बरकरार
इस पर कोई कुछ बोलने को न तैयार है।
आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे
यह कितने गर्व की बात है।
पीओके सीओके पर बात न हो रहा है
आड़ी कटवा की तरह
भूमि हड़प्पता जा रहा है चीनी
मौन मीडिया मौन सरकार है।
आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे
यह कितने गर्व की बात है।
क्या कानून और संविधान में सभी हैं समान
सभी समान है यह सिर्फ कहने की बात है
काले कोट खाकी वर्दी का क्या है कार्य
क्या उन्हें अपना कर्तव्य का भान है।
आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे
यह कितने गर्व की बात है।
एक छोटा सा झगड़ा को वर्षों वर्ष तक चलाते हैं
मुदई मर जाए मुद्दालय बुड्ढा हो जाए
कितने जज बदल जाते हैं
यह कौन सी न्याय व्यवस्था समझ नहीं आत है।
आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे
यह कितने गर्व की बात है।
सनातन संस्कृति की बात हो रही
सत्य से किसी को कुछ नहीं दरकार है
सत्ता हासिल करने के लिए
पंथ का ड्रग्स की तरह हो रहा इस्तेमाल है।
आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे
यह कितने गर्व की बात है।
संपूर्ण संपदा सिमटती जा रही कुछ हाथों में
कुछ हाथों में सिमटती जा रही है सत्ता
आम जनों के हाथ में मंदिर का घंटा
सभी मजबूर मजदूर बनने को तैयार हैं।
आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे
यह कितने गर्व की बात है।
जवान का कोई ख्याल नहीं
किसान भी बेहाल है
जय जवान जय किसान जुमला बन गया
कॉर्पोरेट का जय जय कार है।
आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे
यह कितने गर्व की बात है।
सभी जगह छटनी है जारी
आमजन की क्रय क्षमता कम हो
मंदी की हो रही तैयारी
तो जन प्रतिनिधि पर इतना खर्च, विचारणीय बात है।
आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे
यह कितने गर्व की बात है।
हीरा पर 1.5% जीएसटी
खाद्य पदार्थ पर 5% जीएसटी लगा
आमजन को अमीर होने का
दिला रहा है एहसास है।
आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे
यह कितने गर्व की बात है।
आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे
यह कितने गर्व की बात है।