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होली आई रे कन्हाई होली आई रे। आपसी द्वेष मिटाने का गुलाल बना सहारा रंग लगा सब अंग होली आई रे कन्हाई होली आई रे। आपसी द्वेष मिटाने का गुलाल बना सहारा र...
दारू जब से हुई है बंद दोस्ती तब से हुई कई बार भंग दारू जब से हुई है बंद दोस्ती तब से हुई कई बार भंग
आजादी का अमृत महोत्सव मना लिए यह कितने गर्व की बात है। आजादी का अमृत महोत्सव मना लिए यह कितने गर्व की बात है।
माल- माल सब कहें ऐ माल क्या चीज है, माल के चक्कर में सब लोग संलिप्त है। माल- माल सब कहें ऐ माल क्या चीज है, माल के चक्कर में सब लोग संलिप्त है।
सपना तो सपना है , जिसे चाहो वही अपना है। सपना तो सपना है , जिसे चाहो वही अपना है।
हिन्दी हिंद की है बिंदियाँ हिन्दी हिंद की है बिंदिया। हिन्दी हिंद की है बिंदियाँ हिन्दी हिंद की है बिंदिया।
आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे यह कितने गर्व की बात है। आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे यह कितने गर्व की बात है।