आज के देवदूत
आज के देवदूत
देवदूत सुने थे हमने
किस्से कहानियों में,
पर अब देख भी रहे हैैं
उन्हें अपने चारों ओर,
मौत से लड़ते
जिंदगियां बचाते,
साक्षात भगवान,
ये डॉक्टर, स्वास्थ कर्मी,
पुलिस वाले हैं आज के
देवदूत इंसान...।
जो घर बार छोड़ कर
अपनों से दूर रह कर
रात दिन जुटे है इस लड़ाई में,
ना सुध बुध है खुद की
ना फिकर अपनों की,
लड़ रहे है इस महामारी में
लगे हैं अपने फर्ज को निभाने में,
झेल भी रहे हैं
लोगों का गुस्सा
उनकी मार
उनके अपशब्द,
कभी पत्थर खाते हैं
कभी धकियाए जाते हैं
कभी थूका जाता है उनपर,
कभी पीट पीट कर भगाए जाते हैं,
फिर भी भूखे प्यासे रहकर
अपमान का घूंट सहकर
चौबीस घंटे पी. पी. ई.किट पहने
पसीने में नहाते हैं
पर हिम्मत कभी नहीं हारते,
लगे हैं दिन रात लोगों को बचाने में,
उनकी टूटती सांसों को वापस लाने में
उन्हें एक नया जीवन दान दिलाने में,
बेशक इस मुहिम में
वो खो रहें हैं खुद का भी जीवन,
पर उन्हें फर्क नहीं पड़ता,
वो उफ़ नहीं करते,
ना थकते,
ना हारते,
दे के अपना सर्वस्व
इस मुश्किल घड़ी में,
वो अपना कर्तव्य निभाते,
तभी वो आज के
देवदूत कहलाते हैं......।