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Preeti Rathore

Romance Classics Fantasy

4  

Preeti Rathore

Romance Classics Fantasy

आज का मौसम

आज का मौसम

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ये रुत ये मौसम

ये बरसात बिन मौसम

ये हवाएं ये नजारा


ये प्रकृति ने अनुपम वेश है धारा

ये मिट्टी से आती भिन्नी- भिन्नी महक

ये पक्षी आज बहुत रहे है चहक

ये बादलो के काले घेरे


ये मोरो के नृत्य के फेरे

ये भीगी सडके ये खिलते चेहरे

ये लगे आज भीषण गर्मी पर पहरे

ये रेत ये बारिश की बुंदे


ये लगे जैसे खेल रहे बच्चे आंखें मुंदे

ये चारो ओर फैली हरियाली

लगता है फिर सी मिलन की रुत है आनेवाली।


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