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Seema Kulthe

Abstract

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Seema Kulthe

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आईना

आईना

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आईना ना दिखाया किजिए हमें 

अपने आप से ना मिला जायेगा 


आँखों के काले धब्बों का,

    इस उजड़े सुने चेहरे का 

राज हमसे ना खोला जायेगा 


वो रातें जो जाग के गुज़ारी हैं, 

    वो परेशानियाँ जो दिन में झेलीं है

वो हर एक सिलवट का राज, 

    हमसे ना बताया जायेगा 


वो जो आँसु खो गये है

   आँखों के दरिया में डूब गये है 

वो जो हर एक जंग लड़ी है हमने

   अपने सफ़ेद बालों से ना तोला जायेगा 


हर दिन ये हँसी गुमराह करेगी

   सब कुछ सही होने का अहसास दिलायेगी 

कभी हार ना खुदसे माननी है

   हर पल ये रोशनी फैलानी है!


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