आ रहा पूरा नया वो साल मीठा है
आ रहा पूरा नया वो साल मीठा है
जो रहा आधा अधूरा साल बीता है
आ रहा पूरा नया वो साल मीठा है
बीमार करती चल रही जो भी हवा-सी है
नव वर्ष लेकर आ रहा उसकी दवाई है
विष भरा जो ‘बीस’ बोझा-सा रहा सब पर
नश्तर वो एक छोड़कर जाने को है तत्पर
हद कर गया यह साल तीता है
आ रहा पूरा नया वो साल मीठा है
जो भी अभी है बीत कर होता पुराना है
और नये आने का होता कुछ बहाना है
बादलों में ही रहा व्योम ये नित साल भर
ला रहा ‘इक्कीस’ निर्मित हर्ष अपने भाल पर
उल्लास में है धरा, आकाश जीता है
आ रहा पूरा नया वो साल मीठा है