जीवन फिर से चलने वाला है...
जीवन फिर से चलने वाला है...
थोड़ी देर रुका जीवन फिर से चलने वाला है
थोड़ा संयम और सही ये संशय जाने वाला है
देखा है मैंने गमले में अंकुर नया फूटकर आया
gn-justify">अचेतन था दुबका अंदर वह जीवन बन आया
अंदर बैठा अंधकार में साँसों को संभाला होगा
जड़ को आस दिखाकर कितना समझाया होगा
एक पुराने पौधे पर फूल नया इतराया है
थोड़ी देर रुका जीवन फिर से चलने वाला है
देखो सूरज बादल से वह कब लड़ता है
जबतक बादल रहे सामने अंदर रहता है
कितना ओज भरा सोचो संयम रखता है
जैसे ही बादल छँटता फिर आ जाता है
ऐसे ही फिर नई धूप में जीवन दिखने वाला है
थोड़ी देर रुका जीवन फिर से चलने वाला है
- आशीष मिश्रा