आ जाओ साजन
आ जाओ साजन


चाँदनी रात में तुमसे बातें करनी है,
दिल का हाल बताना है।
आ रहा है करवाचौथ का व्रत
कैसे मनाऊँ तुम बिन सजना
गहना मेरा आधा है।
देखों सारी तैयारी है।
मेरा चाँद बाकी है।
तेरी चाँदनी करती विनती
आ जाओ सजना आज
न लाओ नई सारी
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न लाओ गहने नये
प्रेम की सौगात ले आओ
रुठे को मनाएंगे
दिल से हँसाएगे
मुझें कहना है उनसे
आज दिल के राज
आँगन में उनका लहराना है
जब साजन रहे उदास,
हमें जज्बातों के दिखाना है।
चाँदनी रात में साजन से बात करनी है।