आ जाओ राम फिर से
आ जाओ राम फिर से
आ जाओ राम फिर से यहाँ
नहीं दिखता कोई राम यहाँ
रावण ही रावण है चारों तरफ यहाँ
बुराई ही बुराई है चारों तरफ यहाँ
रावण को रावण ही जलाने चले यहाँ
ना किसी में सच्चाई ना पवित्रता बची यहाँ
न ही लोक लाज किसी को यहाँ
नारी का अपमान करते हो यहाँ
स्वयं में ढूंढते रावण को नहीं यहाँ
किस किस भे ष में छिपे है रावण यहाँ
रावण दहन करो अब की बार जहाँ
दहन करना अपने अंदर की बुराई का वहाँ
स्त्री का सम्मान करना सीखना वहाँ
अपने अंदर के रावण का अंत करना वहाँ
दोबारा बुला लो राम को तुम यहाँ
कलयुग में करा दो रामराज्य स्थापित यहाँ
आ जाओ राम फिर से तुम यहाँ
