मिसाइल मैन
मिसाइल मैन
15 अक्टूबर 1931 का शुभ दिन आया था
रामनाथपुरम,रामेश्वरम
तमिलनाडु में जन्म हुआ था
#मिसाइल_मैन
बुलंद सोच,सादा जीवन
नाम था इनका
#अवुल_पकिर_जैनुल्लाब्दीन_अब्दुल_कलाम
मुश्किलों परेशानियों से जूझते
अध्यापक सुब्रमण्यम अय्यर
की बातो से प्रेरित हो
अभियांत्रिकी की शिक्षा
का मंजिल और उद्देश्य लिए
मद्रास इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया था
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में
अध्ययन कर प्रोजेक्ट डायरेक्टर बन गए थे
इसरो के डायरेक्टर बन गए थे
साहित्य में भी गहन रुचि रखी थी
विभिन्न किताबें भी लिखी
जो आज भी सबके लिए प्रेरणा का कार्य कर
यही तो थे #मिसाइल_कार्यक्रम के जनक
डीआरडीओ में अध्यक्ष रहे 10 सालों तक
निभाई कई भूमिका एक साथ
वैज्ञानिक,सलाहकार
अग्नि,पृथ्वी मिसाइल स्वदेशी
तकनीक से बनाए
द्वितीय परमाणु परीक्षण पोखरण में
निर्णायक,संगठनात्मक,
तकनीकी भूमिका निभाई
कई उपग्रह प्रक्षेपण किए
जिसमें एसएलवी 3 एवं
मुख्य रोहिणी उपग्रह है
21वीं सदी के भारत को
समर्थ,सशक्त,सक्षम बनाने में
रहा उनका अतुलनीय योगदान
इनके जन्म दिवस को
#विश्व_छात्र_दिवस
के रूप में पूरे विश्व में हम मनाते है
27 जुलाई 2015 की शाम
भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में
दे रहे थे अंतिम व्याख्यान
"रहने योग्य ग्रह" पर
तभी दिल का दौरा पड़ा
और छूटा शरीर से प्राण
युवाओं बच्चों के हमेशा रहे प्रिय
जीवन पर्यंत बने रहे शिक्षक
उनके विचार, आदर्श हमारे लिए हैं
हमेशा हमारे हैं प्रेरणा के स्रोत.....।