वो तशरीफ क्या।
वो तशरीफ क्या।
वो तशरीफ क्या लाए हुजरें में हमारे।
हर जुबां पर हो रहे हैं बस चर्चे हमारे।।
अजनबी से थे इस शहर में सबसे ही।
हम आम से खास हुए हैं शहर में सारे।।
ना मालूम था रहमत यूं नाजिल होगी।
देखो सलामी देने आए है चांद सितारे।।
कौन गवाही देगा कि ये हकीकत में है।
यकीं ना हो रहा है हमें आलम में सारे।।
इक पल में बदला मुस्तकबिल हमारा।
वो बनके आए खुशी जिंदगी में हमारे।।
परिंदों से कहो लौट आए अपने घर को।
हर फूल ही महका है गुलशन में हमारे।।

