यह गलतफहमी शायद उसके किरदारों को थी ! यह गलतफहमी शायद उसके किरदारों को थी !
अरे, इसलिए तो लगता है कि, हमारी दोस्ती के गुल खिल रहे हैं। अरे, इसलिए तो लगता है कि, हमारी दोस्ती के गुल खिल रहे हैं।
शुन्य से शुरू शुन्य पर खतम एक सफरनामा होगा मेरा ! शुन्य से शुरू शुन्य पर खतम एक सफरनामा होगा मेरा !
बड़ा खुदगर्ज है ज़ालिम ख़ुद ही का ग़म समझता है बड़ा खुदगर्ज है ज़ालिम ख़ुद ही का ग़म समझता है