दिल की एहमियत
दिल की एहमियत
अगर बिछड़ जाए
दिल की निशानी,
तो कभी हार ना मानो,
क्योंकि भगवान हमको ये देते
जो हमारे लिए अच्छी होती।।
जनम तो वो देती,
तो अच्छी बुराई की हक
सिर्फ़ उसकी ही होती हैं।
अगर "प्यार" सच्चा हो तो
बिस्वास कि भरोसा जरूर होते,
अगर झूटा ही होते तो
चले जाए, घमंड किस बात की होते।
तुम मुझे समझना पाए
तो कोई फिक्र नहीं
मेरी भगवान मुझे वो नही दिए
जो मेरे लिए अच्छा हीं नहीं।
कोई आए और कोई जाए
किसीको दिल इतने सारे माने,
जो बिछड़ के भी दिल की हकदार होते,
ये ही तो सच्चे "दिल की एहमियत" होते है।

