सपना
सपना
नींद में थी जब देखा मैंने एक सपना,
जो था बिल्कुल खूबसूरत सा अपना,
हस्ती मुस्कुराती वो परियां,
जादुई छड़ी उस के पास,
जैसे बीत गई सो हजारो सदियां,
उड़ते घोड़ों की सवारी में करुँ,
हवाओं में उड़ती में फिरू,
पानी पर चलती में कभी,
तो छू मंतर से हो जाते
मेरे काम सभी,
काश ये सपना मेरा हकीकत
बन जाता,
तो आंख खुल ते ही में भी
उड़ जाती।
