16) पेंटिंग बाय लियोनी डिसूजा।
16) पेंटिंग बाय लियोनी डिसूजा।
मोहब्बत पर कभी पर्दा नहीं रहता,
किसी न किसी रूप में दिख ही जाती है।
ना करो जिक्र खुद से भी सौ बार मोहब्बत का तुम,
आंखों से तो वह बरस ही जाती है।
लाख व्यस्त कर लो खुद को किन्हीं कामों में,
लेकिन मन के कोने में तो वह ठहर ही जाती है।
पाते ही फुर्सत जरा तुम बैठो तो,
आंखों के सामने वही छवि आती है।
क्या देखना है टीवी मोबाइल में?
जो हो रहा हो वह दिखता ही कहां है ?
एक बार करके तो देखो मोहब्बत बस हर जगह
अपनी पिक्चर ही चलती नजर आती है।
लाख पर्दे डालो तुम अपनी मोहब्बत पर,
ना छुपा सकोगे अपनी मोहब्बत को दुनिया से,
दुनिया भी पूरी खोजी हैं समझ ही जाती है।
मोहब्बत अगर सच्ची हो तो
खुद के अस्तित्व को भी प्रेमी के रूप में बदल ही जाती है।

